कितना ढूंढा हाथ न आया सच का एक क़तरा भी
कहने को उनके खत में बहुत कुछ लिखा थाभारतीय समाज में अनेक खूबियाँ हैं। कुछ अच्छी बातें तो सभी धर्मों में नायकों, संतों और उपदेशकों द्वारा कही और सही गयी हैं। बहुत सी भारतीय संस्कृति की अपनी अनूठी विशेषतायें हैं। लेकिन कई ऐसी भी हैं जिनमें भिन्न उद्गमों से आये विचार गड्डमड्ड से हो गये हैं और इस प्रक्रिया में सद्विचार की मूलभावना की ऐसी-तैसी हो गयी है।
Philosophy of Statistics
3 days ago